अपनों के लिए चिंता हृदय में होती है SHARE FacebookTwitter अपनों के लिए चिंता हृदय में होती है, शब्दों में नहीं! और अपनों के लिए गुस्सा शब्दों में होता है हृदय में नहीं! SHARE FacebookTwitter
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है, किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,.......Read Full Message